✍️ Blog Drafting (Layout ) 👉 ब्लॉग को आकर्षक और आसान बनाने के लिए इसमें ये पॉइंट शामिल करें: भूमिका (Introduction) संविधान क्यों ज़रूरी है? संशोधन (Amendment) की ज़रूरत क्यों पड़ती है? संविधान संशोधन का महत्व संविधान को लचीला और प्रासंगिक बनाए रखने में भूमिका। बदलते समय और समाज के अनुसार ज़रूरी बदलाव। प्रमुख संशोधन (Amendments List + सरल व्याख्या) कालानुक्रमिक क्रम में (जैसे 1st, 7th, 31st...) हर संशोधन का साल, विषय और प्रभाव । आसान उदाहरण ताकि आम आदमी भी समझ सके। उदाहरण आधारित व्याख्या जैसे 61वां संशोधन: “अब 18 साल का कोई भी युवा वोट डाल सकता है।” 42वां संशोधन: “भारत को समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता वाला देश घोषित किया गया।” आज के दौर में प्रासंगिकता क्यों इन संशोधनों को जानना ज़रूरी है (UPSC, जनरल नॉलेज, नागरिक जागरूकता)। निष्कर्ष (Conclusion) संविधान को "जीवित दस्तावेज़" कहे जाने का कारण। बदलते भारत में संशोधनों की भूमिका। 📝 Blog Post प्रमुख संविधान संशोधन : सरल भाषा में समझिए भारत का संविधान दुन...
गौतम बुद्ध (563 ईसा पूर्व - 483 ईसा पूर्व), जिन्हें सिद्धार्थ गौतम या शाक्यमुनि बुद्ध भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उनका जीवन एक प्रेरणा है और उनके उपदेश मानवता के लिए जीवन के गहन सत्य को उजागर करते हैं। उनका जीवन परिचय इस प्रकार है: जन्म और प्रारंभिक जीवन→ गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में हुआ था। उनके पिता राजा शुद्धोधन शाक्य गणराज्य के शासक थे, और माता महामाया थीं। सिद्धार्थ का जन्म शाही परिवार में हुआ और उन्हें राजकुमार का दर्जा मिला। जन्म के समय, अष्टांग ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की कि वे या तो एक महान सम्राट बनेंगे या एक महान संत। उनके पिता ने उन्हें सांसारिक जीवन के सुख-सुविधाओं में रखा ताकि वे गृहस्थ जीवन अपनाएं। गृहस्थ जीवन→ गौतम का विवाह यशोधरा नामक राजकुमारी से हुआ और उनके पुत्र का नाम राहुल था। हालांकि, सिद्धार्थ सांसारिक सुखों से संतुष्ट नहीं थे। संसार के दुखों का बोध→ 29 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ ने चार महत्वपूर्ण दृश्यों का अनुभव किया:→ •एक वृद्ध व्यक्ति •एक बीमार व्यक्ति •एक मृत व्यक्ति •एक सन्यासी इन दृश्यों ने उन...