Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
वन अधिकार अधिनियम [ एफआरए] और आदिवासियों के सरंक्षण में सरकार द्वारा कौन-कौन सी नितियां बनायी गयी हैं?What policies have been made by the government under the Forest Rights Act [FRA] and for the protection of tribals?
परिचय :- वन अधिकार अधिनियम [ एफआरए] 2006 वन में रहने वाले अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य परम्परागत वन निवासियों (ओटीएफडी] के अधिकारों को मान्यता देने और उन्हें मजबूत करने के लिये एक महत्वपूर्ण कानून है। यह अधिनियम वन भूमि पर उनके दावों की मान्यता देता है, उन्हें आजीविका के साधन प्रदान करता है और वन प्रबन्धन में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करता है । अध्ययन के निष्कर्ष :- हाल ही में दिल्ली स्थित संगठन कॉल फॉर जस्टिस द्वारा गठित एक, तथ्य खोज समिति ने देश भर के पाँच राज्यों - असम, छत्तीसगढ महाराष्ट्र, ओडिशा और कर्नाटक में एफआरए के कार्यान्वयन का अध्ययन किया । अध्ययन में पाया गया कि एफआरए का कार्यान्वयन मिश्रित रहा है। जिसमें कुछ राज्यों में सकारात्मक प्रगति देखी गयी है, जबकि अन्य में महत्वपूर्ण कमियां है। मुख्य बिन्दु • असम: अध्ययन में पाया गया है कि एफआरए पूर्वोत्तर राज्यों में मौजूद झूम खेती से संबन्धित अनूठी स्थिति को संबोधित नहीं करता है। झूम खेती, पहाडी ढलानों प...