इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं। इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है। [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव: सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...
अदालतों में लंबित मुकदमे 5 करोड़ का आंकड़ा छू रहे इसके लिए कौन जिम्मेदार है सरकार या हमारी न्यायपालिका?(Who is responsible for the cases pending in the courts touching the figure of 5 crores, the government or our judiciary?)
लोकतंत्र और न्याय दोनों ही एक दूसरे के समकक्ष हैं यह कहा जाए तो गलत नहीं है आज के युग में जिस प्रकार लोगों को लोकतंत्र में आजादी मिली हुई है वह स्वतंत्र रूप से कहीं भी और जा सकते हैं किसी भी प्रकार के बंधनों से मुक्त आज वह आजादी की हवा में अपना जीवन जी सकते हैं. अपनी बातों को वह कहीं भी कह सकते हैं और किसी भी प्रकार से किसी का भी वह शांतिपूर्वक विरोध जता सकते हैं. यही लोकतंत्र के असली मायने हैं. न्याय की बात करें तो इस प्रक्रिया के पालन में आज भी कुछ मुश्किलें जरूर है. करीब 800 सालों पहले सन 1215 में मैग्नाकार्टा के संधि के जरिए ब्रिटिश नागरिकों से यह जो वादा किया गया था कि अधिकार और न्याय हम किसी को नहीं बेचेंगे । और ना ही हम इसे खारिज करेंगे और ना ही इसमें विलंब करेंगे। वह दुनिया भर के लिखित और अलिखित संविधान वाले लोकतंत्र में न्याय देने का मानक बन चुका है। यही नहीं न्याय में देरी करना न्याय देने से मना करना है जैसा नीति वचन भी कहीं वहीं से निकला है। Democracy and ju...