Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
भारतीय संविधान के अंतर्गत क्षमता के अधिकार के विस्तार का परीक्षण कीजिए कब संसद द्वारा किया गया वर्गीकरण संविधानिक होते हैं? Examine the scope of the right to equality under the Indian Constitution . when are the classification made by the Parliament constitutional?
समता न्याय की आधारशिला में विधि के शासन (rule of law) की कल्पना equality से इसको लिया गया है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में क्षमता का सामान्य नियम दिया गया. अनुच्छेद 14 के अनुसार - “राज्य भारत के राज्य क्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता से या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा.” “the state shall not deny to any person equality before the law or the equal protection of the laws within the territory of India.” अनुच्छेद 14 में दो वाक्यांशों का प्रयोग किया गया है - ( 1) विधि के समक्ष समता (equality before law) ( 2) विधियों का समान संरक्षण (equal protection of law) उपरोक्त वाक्यांशों में से प्रथम ब्रिटिश संविधान से और द्वितीय अमेरिका के संविधान से लिया गया है प्रथम नकारात्मक (negatives) संकल्पना है जबकि द्वितीय सकारात्मक (positive) संकल्पना है. समता का अधिकार (right t...