सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
गौतम बुद्ध (563 ईसा पूर्व - 483 ईसा पूर्व), जिन्हें सिद्धार्थ गौतम या शाक्यमुनि बुद्ध भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उनका जीवन एक प्रेरणा है और उनके उपदेश मानवता के लिए जीवन के गहन सत्य को उजागर करते हैं। उनका जीवन परिचय इस प्रकार है: जन्म और प्रारंभिक जीवन→ गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में हुआ था। उनके पिता राजा शुद्धोधन शाक्य गणराज्य के शासक थे, और माता महामाया थीं। सिद्धार्थ का जन्म शाही परिवार में हुआ और उन्हें राजकुमार का दर्जा मिला। जन्म के समय, अष्टांग ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की कि वे या तो एक महान सम्राट बनेंगे या एक महान संत। उनके पिता ने उन्हें सांसारिक जीवन के सुख-सुविधाओं में रखा ताकि वे गृहस्थ जीवन अपनाएं। गृहस्थ जीवन→ गौतम का विवाह यशोधरा नामक राजकुमारी से हुआ और उनके पुत्र का नाम राहुल था। हालांकि, सिद्धार्थ सांसारिक सुखों से संतुष्ट नहीं थे। संसार के दुखों का बोध→ 29 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ ने चार महत्वपूर्ण दृश्यों का अनुभव किया:→ •एक वृद्ध व्यक्ति •एक बीमार व्यक्ति •एक मृत व्यक्ति •एक सन्यासी इन दृश्यों ने उन...