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Showing posts from September, 2023

असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...

G7 ग्रुफ क्या है और इसके क्या कार्य हैं?

G7  जिसे सात समूह के संगठन रूप में भी जाना जाता है। यह एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका गठन वर्ष 1975 में किया गया था। यह यूरोपीय संघ के साथ-साथ 7 देशों की अर्थव्यवस्थाओं का एक अनौपचारिक समूह  है । यूरोपीय संघ (EU) एक संप्रभु सदस्य राज्य नही बल्कि यह अद्वितीय सुपरनॅशनल संगठन है।  G7 दुनिया की सात सबसे बडी विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का समूह है, इसमें सात देश फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है।  G7 ग्रुफ नीति-निर्माताओं और सभी देशों के बीच वैश्विक रूप से एक मंच का कार्य करता है। G7 संगठन की स्थापना आज से 50 वर्ष पहले 1973 में की गई थी। इसको पहले विश्व आर्थिक शिखर सम्मेलन के रूप भी जाना जाता था। इसे 1975 में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति वालेरी गिस्कार्ड डी एस्टाइंग और तत्कालीन संघीय चांसलर हेल्मुट श्मिट द्वारा इसकी आधारशीला रखी गयी थी।  सबसे पहले इस संगठन में 6 देशों फ्रांस, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और पश्चिमी जर्मनी द्वारा इसकी स्थापना की गयी थी। G-7 का कोई औपचारिक चार्टर या सचिवालय नही है। प्रेसीडेंसी जो प्रत्येक वर्ष सदस्य देश...

चन्द्रयान 3 मिशन क्या है ?यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है ?

भारत के लिये ये एक बहुत ही ऐतिहासिक पल है जब चांद पर हमारा तिरंगा लहरा रहा है। चन्द्रयान - 3 के लैंडर ने सफलतापूर्वक चांद के साउथ पोल पर लैडिंग कर ली है।  चन्द्रयान - 3 भारत का एक महत्वाकांक्षी चन्द्र मिशन है। 24 अगस्त, 2023 को ISRO के अनुसार चन्द्रयान 3 रोवर प्रज्ञान लैडर से नीचे उत्तर गया है। और भारत चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है।        चन्द्रयान-3 को भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से लांच किया गया है. " यह लगभग 40 दिनों के बाद चन्द्रमा की सतह पर लैंड होगा। चन्द्रयान में इस्तेमाल होने वाले ईधन की बात करें तो यह सॉलिड व लिक्विड दोनों तरह के फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है। रॉकेट के पहले भाग में सॉलिड फ्यूल और दूसरे भाग में लिक्विड फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है।               रॉकेट के आखिरी भाग में क्रायोजेनिक 'इंजन है। इसमें लिक्विड हाइड्रोजन और आक्सीजन का इस्तेमाल होता है। चंद्रयान-3 को ले जाने वाले रॉकेट के फ्यूल टैंक की क्षमता 27000 किग्रा से ज्यादा है। रॉकेट में इस्तेमाल क...