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Showing posts from September, 2023

UPSC परीक्षा में मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार के बारे में परिचर्चा करो?

सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं।                      भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं।          भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...

G7 ग्रुफ क्या है और इसके क्या कार्य हैं?

G7  जिसे सात समूह के संगठन रूप में भी जाना जाता है। यह एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका गठन वर्ष 1975 में किया गया था। यह यूरोपीय संघ के साथ-साथ 7 देशों की अर्थव्यवस्थाओं का एक अनौपचारिक समूह  है । यूरोपीय संघ (EU) एक संप्रभु सदस्य राज्य नही बल्कि यह अद्वितीय सुपरनॅशनल संगठन है।  G7 दुनिया की सात सबसे बडी विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का समूह है, इसमें सात देश फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है।  G7 ग्रुफ नीति-निर्माताओं और सभी देशों के बीच वैश्विक रूप से एक मंच का कार्य करता है। G7 संगठन की स्थापना आज से 50 वर्ष पहले 1973 में की गई थी। इसको पहले विश्व आर्थिक शिखर सम्मेलन के रूप भी जाना जाता था। इसे 1975 में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति वालेरी गिस्कार्ड डी एस्टाइंग और तत्कालीन संघीय चांसलर हेल्मुट श्मिट द्वारा इसकी आधारशीला रखी गयी थी।  सबसे पहले इस संगठन में 6 देशों फ्रांस, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और पश्चिमी जर्मनी द्वारा इसकी स्थापना की गयी थी। G-7 का कोई औपचारिक चार्टर या सचिवालय नही है। प्रेसीडेंसी जो प्रत्येक वर्ष सदस्य देश...

चन्द्रयान 3 मिशन क्या है ?यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है ?

भारत के लिये ये एक बहुत ही ऐतिहासिक पल है जब चांद पर हमारा तिरंगा लहरा रहा है। चन्द्रयान - 3 के लैंडर ने सफलतापूर्वक चांद के साउथ पोल पर लैडिंग कर ली है।  चन्द्रयान - 3 भारत का एक महत्वाकांक्षी चन्द्र मिशन है। 24 अगस्त, 2023 को ISRO के अनुसार चन्द्रयान 3 रोवर प्रज्ञान लैडर से नीचे उत्तर गया है। और भारत चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है।        चन्द्रयान-3 को भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से लांच किया गया है. " यह लगभग 40 दिनों के बाद चन्द्रमा की सतह पर लैंड होगा। चन्द्रयान में इस्तेमाल होने वाले ईधन की बात करें तो यह सॉलिड व लिक्विड दोनों तरह के फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है। रॉकेट के पहले भाग में सॉलिड फ्यूल और दूसरे भाग में लिक्विड फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है।               रॉकेट के आखिरी भाग में क्रायोजेनिक 'इंजन है। इसमें लिक्विड हाइड्रोजन और आक्सीजन का इस्तेमाल होता है। चंद्रयान-3 को ले जाने वाले रॉकेट के फ्यूल टैंक की क्षमता 27000 किग्रा से ज्यादा है। रॉकेट में इस्तेमाल क...