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Showing posts from December, 2021

Indus Valley Civilization क्या है ? इसको विस्तार से विश्लेषण करो ।

🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...

भारत में वित्तीय बैंकिंग संस्थान( financial banking institution in India)

 वित्त का  अर्थ उत्पादन कार्य के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पूंजी से है। सामान्यतः  पूंजी का अर्थ इस संदर्भ में पैसे से होता है। उत्पादन के कार्य में दिन-प्रतिदिन अनेक खर्चों को पूरा करने के लिए पैसे की आवश्यकता होती है ।इन आवश्यकता ओं को जो संस्थाएं पूरा करती है वह वित्तीय संस्थाएं कहलाती है। वित्तीयन(Financing)  का अर्थ किसी भी उद्देश्य के लिए पैसे का  प्रबंध करने से होता है। वित्त प्राप्त करने की कीमत को ब्याज की दर कहते हैं। वित्तीयन की आवश्यकता उत्पादन कार्य शुरू करते वक्त होती है। निश्चित रूप से पैसे का कुछ भाग दो व्यक्ति अपने स्वयं के साधनों से एकत्रित कर सकता है और शेष के लिए उसे अन्य  श्रोतों की तलाश करनी पड़ती है। इस प्रकार उधार लेकर अनेक स्रोतों से पैसे जुटाने की प्रक्रिया वित्तीयन कहलाती है। वित्त का वर्गीकरण (Classification of Finance) समय व उद्देश्य के संदर्भ में वित्त के निम्नलिखित प्रकार है अल्पावधि वित्त : सामान्यतः यह ऋण अल्प समय अर्थात 15 महीने से कम समय के लिए होता है। यह दिन प्रतिदिन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उपयोगी होता है। मध...

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(1) 1973 के केसवानंद भारती मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि संविधान के प्रस्तावना को संविधान का हिस्सा माना जाएगा। न्यायालय ने यह भी कहा कि प्रस्तावना का सामान्यतः  कोई विधिक प्रभाव नहीं है परंतु संविधान के अन्य भागों की व्याख्या करने के लिए प्रस्तावना की सहायता ली जा सकती है।              भारत के संविधान की उद्देशिका संविधान का भाग है किंतु उसके अन्य भागों से स्वतंत्र होकर उसका कोई विधिक प्रभाव नहीं है। (2) भारत के संविधान की उद्देशिका में कुछ स्वतंत्रता और जैसे विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता की चर्चा की गई है । आर्थिक स्वतंत्रता की चर्चा नहीं की गई है । सामाजिक और राजनीतिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय को सन्निबिष्ट किया गया है स्वतंत्रता को नहीं। (3) संविधान की उद्देशिका में उन आधारभूत दर्शन और राजनीतिक धार्मिक व नैतिक मूल्यों का उल्लेख है जो हमारे संविधान के आधार हैं इसमें संविधान सभा की महान  आदर्शों उल्लेखित है। (4) संविधान में समता का अधिकार अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद 18 में निहित है । इसी के अंत...

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठन और भारत( international Financial organisation and India)

वैश्विक स्तर पर पूंजी एवं तकनीकों के आदान-प्रदान द्वारा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों संस्थाओं का विशेष योगदान रहा है. बड़े अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अलावा क्षेत्रीय स्तर पर भी आसियान, सार्क ,s.c.o. जैसे संगठन इस संदर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष( international Monetary Fund, IMF) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना जुलाई 1944 में ब्रेटनवुड्स न्यू हैम्पशायर(USA) मे आयोजित 44 राष्ट्रों के सम्मेलन में हुए समझौते के अनुसार अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण तथा विश्व विकास बैंक(IBRD) के साथ की गई. इसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में स्थित है. IMF के समझौते का प्रलेख 27 दिसंबर 1945 को लागू हुआ. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्य:- अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना। अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विस्तार और संतुलित वृद्धि को आसान बनाना. मुद्रा स्थायित्व को बढ़ावा देना. भुगतान की बहुपक्षीय  प्रणाली की स्थापना में सहायता देना। पर्याप्त सुरक्षा के तहत सदस्यों के भुगतान संतुलन की कठिनाइयों को दूर करना। अंतरराष्ट्...