Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2021

असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...

संयुक्त राज्य अमेरिका कहां पर स्थित है?: Introduction of United State of America

संयुक्त राज्य अमेरिका क्षेत्रफल में रूस कनाडा और चीन के बाद संसार का चौथा सबसे बड़ा देश है इसे संक्षेप में संयुक्त राज्य  भी कहते हैं. अलास्का और हवाई सहित इसमें 50 राज्य हैं। अलास्का और हवाई अन्य 48 राज्यों से बहुत दूर है. संयुक्त राज्य का विस्तार पूर्व में अटलांटिक महासागर से पश्चिमी प्रशांत महासागर तक है. यह संसार के अत्यधिक विकसित देशों में से एक है. भौतिक लक्षण: - संयुक्त राज्य के भूभाग में बड़ी विविधता पाई जाती है अर्थात यहां पर्वत है पठार और मैदान भी है जहां से अनेक नदियां होकर बहती हैं. भौतिक लक्षणों के आधार पर संयुक्त राज्य को 3 वर्गों में विभाजित किया जा सकता है. 1 पश्चिमी कॉर्डिलेरा: - यहां कई ऊंची ऊंची और उबर खाबर पर्वत श्रेणियां हैं जो उत्तर से दक्षिण दिशा में फैली है जिन का संक्षिप्त वर्णन निम्न वत है - सबसे ऊंची पर्वतमाला रॉकी पर्वतमाला है जो पश्चिमी कॉर्डिलेरा के पूर्वी भाग में स्थित है. अन्य पर्वतमाला कैस्केड श्रेणी जो रॉकी पर्वत के पश्चिम में उत्तर की ओर स्थित है .  सेरा नेवादा श्रेणी जो रॉकी पर्वत के पश्चिम में दक्षिण की ओर स्थित है यह प्रशांत म...

यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए हमें कॉलेज के टाइम से क्या करना चाहिए? Before UPSC exam what to do in college?

अपनी बहुत सी पोस्ट में मैं यह बता चुका हूं कि यूपीएससी एग्जाम क्या होता है और इसकी तैयारी किस तरह की जाती है. अगर हम यूपीएससी एग्जाम की बात करते हैं तो यह इंडिया का सबसे बड़ा एग्जाम होता है इस एग्जाम को पास करने के बाद आदमी के ऊपर सरकारी सेवाओं के प्रति और लोगों के बीच एक जिम्मेदारी का एहसास का है जिम्मेदारी को वह पूरी LIFE में निभाता है.              जैसा कि मैं आप सब को पहले ही बता चुका हूं कि यूपीएससी का एग्जाम एक तरह से भारत का सबसे बड़ा एग्जाम है और इस एग्जाम को पास करने के बाद व्यक्ति एक अधिकारी के रूप में सामाजिक कार्यों को लिए पूरी तरह से RESPONSIBLE  HO  पता है और इस एग्जाम के बाद वह एक नए मुकाम को हासिल कर सकता है. USKE MN M YAHI BHAV KI MAIN लोगों की सेवा KARU  लोगों की सेवा करके अपने जॉब को पूरी तरह से IMAANDARI KE SATH PURA KAR  अपनी लाइफ को पूरी तरह से बदल सकता है.          हम बात करते हैं कि यूपीएससी का एग्जाम की तैयारी करने के लिए हमें कौन सा एक उचित समय अपनी LIFE  में चुनना ...

संविधान में संशोधन: What do you mean by amendment of the constitution?

संविधान में संशोधन किया जा सकता है हम स्पष्ट कर चुके हैं कि अब हमें यह देखना है कि संशोधन किसके द्वारा और कैसे किया जा सकता है. संशोधन की शक्ति: - संविधान में संशोधन की शक्ति मूल रूप से संसद में निहित है संसद ही संशोधन में पहल करती है और वह वही उसे अंतिम रूप देती है लेकिन कई मामलों में राज्यों के विधान मंडलों की भी अहम भूमिका होती है ऐसे मामलों में राज्यों का अनु समर्थन प्राप्त करना होता है अतः हमारे यहां संविधान में करीब-करीब संघ और राज्यों के सभी विधान मंडलों का हाथ रहता है. संशोधन की प्रक्रिया: - हमारा संविधान देश काल और परिस्थितियों के अनुसार डालने वाला है या ना ज्यादा कठोर है और ना ही ज्यादा लचीला इसमें संशोधन के माध्यम मार्ग को अंगीकृत किया गया है संविधान में संशोधन की तीन प्रकार की प्रक्रिया  विद्यमान है - ( 1) साधारण बहुमत द्वारा संशोधन ( 2) विशेष बहुमत द्वारा संशोधन ( 3) अति विशेष बहुमत द्वारा संशोधन साधारण बहुमत द्वारा संशोधन कुछ विषय ऐसे हैं जिनमें संसद सदस्यों के साधारण बहुमत द्वारा संशोधन किया जा सकता है यह विषय में अनुच्छेद 4, 169 एवं 329 ( क  ) में व...

तत्व और सार का सिद्धांत (doctrine of pith and substance)

अनुच्छेद 246 ने संघ राज्यों के बीच विधाई शक्तियों का विभाजन करने की दृष्टि से विधायन सम्बंधित  विभिन्न विषयों को अलग-अलग सूचियों में निर्दिष्ट किया है यह सूचियां है (1) संघ सूची ( 2) राज्य सूची ( 3) समवर्ती सूची           संघ सूची में उल्लेखित विषयों पर केंद्र को और राज्य सूची में उल्लेखित विषयों को राज्यों को कानून बनाने की शक्ति किस अनुच्छेद द्वारा प्रदान की गई है जबकि समवर्ती सूची के विषय पर केंद्र और राज्य दोनों को कानून बनाने की शक्ति प्रदान की गई है इसके बावजूद यह अनुच्छेद केंद्रीय कानून को सर्वोच्चता प्रदान करता है.            भारतीय संविधान के अनुसार अनुच्छेद 246 के उपबंधों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने तत्व और सार का सिद्धांत उस समय लागू करते जब  विधान मंडल द्वारा बनाया गया कोई कानून दूसरे विधानमंडल के विधाई विस्तार क्षेत्र का भी अतिक्रमण करता है या करने लगता है उस समय इस बात का निर्धारण करने के लिए वादग्रस्त कानून उसे बनाने वाले विधानमंडल को विदाई शक्ति के अधीन है या नहीं? न्यायालय इस सिद्धांत के आधार पर यह न...

संघ और राज्यों के बीच विधाई संबंध legislative relation between the Union and the states

संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का विभाजन दो दृष्टियो उसे किया गया है - ( 1) विधान के विस्तार क्षेत्र की दृष्टि से ( 2) विधान के विषय की दृष्टि से 1: - विधान के विस्तार क्षेत्र की दृष्टि से       (with respect to territory) अनुच्छेद 245 यह उपबंधित   करता है कि इस संविधान के उपबंधों  के अधीन रहते हुए संसद भारत के संपूर्ण राज्य क्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि बना सकेगी तथा किसी राज्य का विधान मंडल उस संपूर्ण राज्य के अलावा उसके किसी भाग के लिए विधि बना सकेगा खंड 2 में यह उपबंधित करता है कि संसद निर्मित कोई विधि अमान्य नहीं समझी जाएगी कि वह भारत के राज्य क्षेत्र से बाहर भी लागू होती है. राज्य क्षेत्रीय संबंध का सिद्धांत (theory of territorial Nexus): - उपयुक्त  सिद्धांत के अंतर्गत अनुच्छेद 245 (1) के अनुसार संसद संपूर्ण भारतीय राज्य क्षेत्र का उसके किसी भाग के लिए और राज्य के विधान मंडल अपने-अपने राज्यों के राज्यक्षेत्र या उनके किन्हीं  भागों के लिए कानून बना सकते हैं और संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के संबंध में विशेष रूप से और स्पष्...

ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप australia

विश्व में ऑस्ट्रेलिया ही एकमात्र ऐसा देश है जो पूरे महाद्वीप पर फैला है इसलिए इसे द्वीपीय महाद्वीप भी कहते हैं. यह पूर्ण रुप से विश्वत रेखा के दक्षिण में स्थित है.  इसका क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल के दोगुने से भी अधिक है. ऑस्ट्रेलिया के पश्चिम में हिंद महासागर दक्षिण में दक्षिणी सागर तथा पूर्व में प्रशांत महासागर से घिरा हुआ है। मकर रेखा ऑस्ट्रेलिया के लगभग मध्य से होकर गुजरती है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और आसपास के दीपों को मिलाकर ऑस्ट्रेलिया कहा जाता है। ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड और आसपास के द्वीपों को मिलाकर ऑस्ट्रेलिया कहा जाता है। यह देश 6 स्वासशी राज्यों तथा 2 केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटा है। ऑस्ट्रेलिया की खोज एक अंग्रेज नाविक कैप्टन जैम्स कुक ने सन 1770 में की थी जो सिडनी पोताश्रय के निकट उतरा था। भूमि और जलवायु ऑस्ट्रेलिया को 3 मुख्य भौतिक भागों में बांटा जा सकता है जो निम्नवत है (1) पश्चिमी पठार (2) मध्यवर्ती निम्न भूमि (3) पूर्वी उच्च भूमि पश्चिमी पठार: ऑस्ट्रेलिया का पश्चिमी भाग एक विस्तृत पठार है जो इस महाद्वीप के दो बटे तीन भाग पर फैला है इस पठार का...

Democratic Republic of the Congoकांगो लोकतांत्रिक गणराज्य ( जायरे )

अफ्रीका के जायरे देश (वर्तमान नाम डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो) पर वर्षों से बेल्जियम का शासन रहा है इसे वर्ष 1960 में स्वतंत्रता मिली.         क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का तीन चौथाई भाग के बराबर है. इसकी राजधानी किंशासा है. भूमि और जलवायु: - जायरे का अधिकतर भाग जायरे नदी की द्रोणी में पड़ता है इसी नदी के नाम पर इस देश का नाम जायरे पडा  यह नदी संसार की सबसे बड़ी नदियों में से एक है परंतु इसका कुछ ही भाग नावों के चलने के लिए उपयुक्त है क्योंकि इस के मार्ग में अनेक जलप्रपात पडते हैं। जायरे विषुवतीय प्रदेश में स्थित होने के कारण यहां वर्ष भर ऊंचा तापमान रहता है और भारी वर्षा भी होती है जिससे यहां पेड़ पौधे शीघ्रता से बढ़ते हैं परिणाम स्वरूप यह देश उष्णकटिबंधीय वर्षा वाले वनों से ढका है ये वन सदाबहार है क्योंकि इन वनों के सभी पौधे अपनी पत्तियां एक साथ नहीं गिराते हैं। इन वनों में वृक्ष बहुत ऊंचे होते हैं क्योंकि वह सूर्य का प्रकाश प्राप्त करने के लिए एक दूसरे से ऊपर निकलने की होड़ लगाए रहते हैं इनमें से कई वृक्ष पर  40 मीटर या उससे भी ऊंचे होत...