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Indus Valley Civilization क्या है ? इसको विस्तार से विश्लेषण करो ।

🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...

जेनेटिक कोड

कॉब्रिज की कैवेंडिस  प्रयोगशाला के 24 वर्षीय वैज्ञानिक डॉक्टर जेम्स वाटसन और 36 वर्षीय ब्रिटेन के वैज्ञानिक डॉ फ्रांसिस क्रिक ने 2 अप्रैल 1953 को डीएनए की संरचना को रेखांकित किया था. प्रतिष्ठित विज्ञान पत्रिका दी नेचर  के संपादक को 900 शब्दों में लिखे गए संक्षिप्त पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया कि डीएनए एक दुई कुण्डलीनुम्मा   रचना है. बाद में डीएनए जैविक जगत का सर्वाधिक चर्चा का केंद्र बिंदु बन गया। डॉक्टर वाटसन और डॉक्टर क्रिक इस खोज के लिए 1962 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार में उनके एक और सहभागी  लंदन किंग्स कॉलेज के डॉक्टर मॉरिस विकिलसन थे. जिन्हें डीएनए अणु का एक्सरे चित्र खींचने में सफलता मिली। पृथ्वी पर मानव जीवन के इतिहास में यह खोज महत्वपूर्ण घटना थी क्योंकि जीवन की मूलभूत इकाई न्यूक्लिक एसिड पृथ्वी पर अरबों वर्षों से विद्यमान था.             दो कुंडलियों की संरचना वास्तव में जीवन का कुंडला कार सोपान है. यह तो कुंडला कार सोपान ग्लूकोज और फास्फेट के होते हैं और इस सोपान के स्तंभ नाइट्र...