✍️ Blog Drafting (Layout ) 👉 ब्लॉग को आकर्षक और आसान बनाने के लिए इसमें ये पॉइंट शामिल करें: भूमिका (Introduction) संविधान क्यों ज़रूरी है? संशोधन (Amendment) की ज़रूरत क्यों पड़ती है? संविधान संशोधन का महत्व संविधान को लचीला और प्रासंगिक बनाए रखने में भूमिका। बदलते समय और समाज के अनुसार ज़रूरी बदलाव। प्रमुख संशोधन (Amendments List + सरल व्याख्या) कालानुक्रमिक क्रम में (जैसे 1st, 7th, 31st...) हर संशोधन का साल, विषय और प्रभाव । आसान उदाहरण ताकि आम आदमी भी समझ सके। उदाहरण आधारित व्याख्या जैसे 61वां संशोधन: “अब 18 साल का कोई भी युवा वोट डाल सकता है।” 42वां संशोधन: “भारत को समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता वाला देश घोषित किया गया।” आज के दौर में प्रासंगिकता क्यों इन संशोधनों को जानना ज़रूरी है (UPSC, जनरल नॉलेज, नागरिक जागरूकता)। निष्कर्ष (Conclusion) संविधान को "जीवित दस्तावेज़" कहे जाने का कारण। बदलते भारत में संशोधनों की भूमिका। 📝 Blog Post प्रमुख संविधान संशोधन : सरल भाषा में समझिए भारत का संविधान दुन...
कॉब्रिज की कैवेंडिस प्रयोगशाला के 24 वर्षीय वैज्ञानिक डॉक्टर जेम्स वाटसन और 36 वर्षीय ब्रिटेन के वैज्ञानिक डॉ फ्रांसिस क्रिक ने 2 अप्रैल 1953 को डीएनए की संरचना को रेखांकित किया था. प्रतिष्ठित विज्ञान पत्रिका दी नेचर के संपादक को 900 शब्दों में लिखे गए संक्षिप्त पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया कि डीएनए एक दुई कुण्डलीनुम्मा रचना है. बाद में डीएनए जैविक जगत का सर्वाधिक चर्चा का केंद्र बिंदु बन गया। डॉक्टर वाटसन और डॉक्टर क्रिक इस खोज के लिए 1962 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार में उनके एक और सहभागी लंदन किंग्स कॉलेज के डॉक्टर मॉरिस विकिलसन थे. जिन्हें डीएनए अणु का एक्सरे चित्र खींचने में सफलता मिली। पृथ्वी पर मानव जीवन के इतिहास में यह खोज महत्वपूर्ण घटना थी क्योंकि जीवन की मूलभूत इकाई न्यूक्लिक एसिड पृथ्वी पर अरबों वर्षों से विद्यमान था. दो कुंडलियों की संरचना वास्तव में जीवन का कुंडला कार सोपान है. यह तो कुंडला कार सोपान ग्लूकोज और फास्फेट के होते हैं और इस सोपान के स्तंभ नाइट्र...