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इजरायल ईरान war और भारत ।

इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4  मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।                    इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे  कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है।  [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:   सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...

जेनेटिक कोड

कॉब्रिज की कैवेंडिस  प्रयोगशाला के 24 वर्षीय वैज्ञानिक डॉक्टर जेम्स वाटसन और 36 वर्षीय ब्रिटेन के वैज्ञानिक डॉ फ्रांसिस क्रिक ने 2 अप्रैल 1953 को डीएनए की संरचना को रेखांकित किया था. प्रतिष्ठित विज्ञान पत्रिका दी नेचर  के संपादक को 900 शब्दों में लिखे गए संक्षिप्त पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया कि डीएनए एक दुई कुण्डलीनुम्मा   रचना है. बाद में डीएनए जैविक जगत का सर्वाधिक चर्चा का केंद्र बिंदु बन गया। डॉक्टर वाटसन और डॉक्टर क्रिक इस खोज के लिए 1962 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार में उनके एक और सहभागी  लंदन किंग्स कॉलेज के डॉक्टर मॉरिस विकिलसन थे. जिन्हें डीएनए अणु का एक्सरे चित्र खींचने में सफलता मिली। पृथ्वी पर मानव जीवन के इतिहास में यह खोज महत्वपूर्ण घटना थी क्योंकि जीवन की मूलभूत इकाई न्यूक्लिक एसिड पृथ्वी पर अरबों वर्षों से विद्यमान था.             दो कुंडलियों की संरचना वास्तव में जीवन का कुंडला कार सोपान है. यह तो कुंडला कार सोपान ग्लूकोज और फास्फेट के होते हैं और इस सोपान के स्तंभ नाइट्र...