✍️ Blog Drafting (Layout ) 👉 ब्लॉग को आकर्षक और आसान बनाने के लिए इसमें ये पॉइंट शामिल करें: भूमिका (Introduction) संविधान क्यों ज़रूरी है? संशोधन (Amendment) की ज़रूरत क्यों पड़ती है? संविधान संशोधन का महत्व संविधान को लचीला और प्रासंगिक बनाए रखने में भूमिका। बदलते समय और समाज के अनुसार ज़रूरी बदलाव। प्रमुख संशोधन (Amendments List + सरल व्याख्या) कालानुक्रमिक क्रम में (जैसे 1st, 7th, 31st...) हर संशोधन का साल, विषय और प्रभाव । आसान उदाहरण ताकि आम आदमी भी समझ सके। उदाहरण आधारित व्याख्या जैसे 61वां संशोधन: “अब 18 साल का कोई भी युवा वोट डाल सकता है।” 42वां संशोधन: “भारत को समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता वाला देश घोषित किया गया।” आज के दौर में प्रासंगिकता क्यों इन संशोधनों को जानना ज़रूरी है (UPSC, जनरल नॉलेज, नागरिक जागरूकता)। निष्कर्ष (Conclusion) संविधान को "जीवित दस्तावेज़" कहे जाने का कारण। बदलते भारत में संशोधनों की भूमिका। 📝 Blog Post प्रमुख संविधान संशोधन : सरल भाषा में समझिए भारत का संविधान दुन...
वर्तमान समय में विश्व के अनेक देशों ने महिलाओं की पुरुषों के समान अधिकार प्रदान किये हैं। परन्तु आज भी पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव का वर्ताव किया जाता है। यह कार्य बड़ी सम्मानजनक तरीके से किया जाता है। उत्पाद के फल में उनकी बराबरी की सहभागिता नहीं है। दुनिया के गरीबों में 70 प्रतिशत आबादी महिलाओं की है। अतः महिलाओं से सम्बन्धित मुद्दे वैश्विक और सार्वभौमिक हैं। आज के युग में महिलाओं के प्रति संस्थापित दृष्टिकोण और व्यवहार, उनके विरुद्ध असमानता और भेदभाव को लोक और निजी जीवन में दिनचर्या के रूप में दुनिया के सभी भागों में स्थायी रूप से बनाये रखा गया है। वहीं यह भी सर्वानुमति उभरी है कि 21 वीं सदी के न्यायोचित और जनतान्त्रिक समाज के लिए सभी लोगों के लिए अवसर की समानता अनिवार्य है। समता, विकास और शान्ति पर आधारित समाज के लिए यह अत्ति आवश्यक है कि महिलाओं का सर्वांगीण विकास हो। महिलाओं के अधिकार : अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी विकास (Right of Women: International Legal Development) -→ लिंग पर आधारित भेदभाव ऐतिहासिक घटना सदियों से रही है। यह सरकारी और विधि की विशेषता ...