सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
भारतीय लघु चित्रकला: दरबारी कला से वैश्विक माध्यम तक का सफर भारतीय लघु चित्रकला भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है। इसकी शुरुआत राजदरबारों में हुई और समय के साथ इसने वैश्विक पहचान प्राप्त की। यह कला न केवल सौंदर्य का प्रतीक है बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक बदलावों को भी दर्शाती है। ब्लॉग की संरचना (Drafting) परिचय भारतीय लघु चित्रकला का परिचय। इसका ऐतिहासिक महत्व और उत्पत्ति। दरबारी कला का स्वरूप मुगल, राजपूत और पहाड़ी चित्रकलाओं का विकास। इनके प्रमुख विषय और शैली। वैश्विक कला माध्यम में परिवर्तन लघु चित्रकला का पश्चिमी कला से जुड़ाव। व्यापार और उपनिवेशवाद के माध्यम से प्रसार। सामाजिक-राजनीतिक आख्यानों का प्रतिबिंब ऐतिहासिक घटनाओं और राजनीति का चित्रण। धार्मिक और पौराणिक विषय। आधुनिक युग में लघु चित्रकला पुनरुद्धार और समकालीन संदर्भ। वैश्विक पहचान और महत्व। उदाहरण और प्रेरणा प्रसिद्ध लघु चित्रकला स्कूल और उनकी विशेषताएं। भारतीय कला के आधुनिक दूत। निष्कर्ष लघु चित्रकला की प्रासंगिकता। सांस्कृतिक धरोहर के रूप मे...