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Showing posts from June, 2023

असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...

आजादी के बाद भारतीय समाज में क्या सुधार हुआ?What improvement happened in the Indian society after independence?

भारत की आजादी के बाद, देश की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। आजादी के समय, देश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित थी और बड़ी हिस्सेदारी लोगों के हाथ में थी। इसके परिणामस्वरूप, देश में गरीबी, बेरोजगारी, और उच्च जनसंख्या के कारण आर्थिक समस्याएं उभरने लगीं। आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए, भारत सरकार ने कई प्रमुख कदम उठाए। विशेष रूप से, प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-1956) आरंभ की गई, जिसके माध्यम से आर्थिक विकास और न्यायसंगत आर्थिक वितरण को प्रोत्साहित किया गया। यह योजना भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए महत्वपूर्ण थी और उद्यमिता, औद्योगिकी, कृषि, और प्रौद्योगिकी को स्थापित करने पर बल दिया। इसके अलावा, भारत सरकार ने भूमि सुधार कानूनों को लागू किया, उद्यमिता को प्रोत्साहित किया, और बाजार नीतियों को सुधारा। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत की आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे सुधारने लगी। हालांकि, ये प्रयास धीरे-धीरे फल देने लगे और वाणिज्यिकीकरण, औद्योगिकीकरण, और तकनीकी प्रगति के क्षेत्र में सुधार हुआ। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 1991 में मनमोहन सिंह की वित्त मंत्री में सरकार द्वारा आर्थिक लिबरलीक...